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कोरोना दूर भगाना है

शिवेंद्र शर्मा
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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जाग उठो, अब जाग उठो, हम सबकी जान बचाना है,
इस कोरोना महामारी से, भारत को मुक्त कराना है।

इटली, चीन सी दशा देश की, अब न देखी जाती है,
कीड़े, मकोड़ों की नाई, ये मौत न देखी जाती है।
देख के मंजर अति भयानक, फिर तुम्हे समझाना है,
इस कोरोना महामारी से,….

घर में ही रहना है भाई, बाहर नहीं निकलना है
साबुन लगा के बार बार, हाथों को धोते रहना है
दूर ही रहना है सबसे, नहिं करीब अब आना है
इस कोरोना महामारी से,….

बहुत जरूरी होने पर ही, तुमको बाहर जाना है
निकलो मास्क पहन कर ही, फिर जल्दी घर में आना है।
आई भीषण विपदा से, सबको हमे बचाना है।
इस कोरोना महामारी से,…

जरा सी लापरवाही भी, मँहगी बड़ी पड़ सकती है।
खुद के साथ साथ मुसीबत, घर वालों की बड़ सकती है।
जरा सी दिक्कत होने पर, डॉक्टर को दिखलाना है।
इस कोरोना महामारी से, भारत को मुक्त कराना है।

जाग उठो, अब जाग उठो, हम सबकी जान बचाना है।
इस कोरोना महामारी से, भारत को मुक्त कराना है।।

परिचय :-  शिवेंद्र शर्मा
पिता : बी.पी. शर्मा
जन्म दिनांक : २७/११/१९६३
निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)
प्रकाशित पुस्तकें : दस्ताने जबरिया, बीन पानी सब सून, सब पढ़ें आगे बढ़ें, उज्जैनी महिमा एवं अन्य १२५ कविताएं व गीतों की रचना आदि।
सम्मान : ४० राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय सम्मान
सम्प्रति : सिविल इंजिनियर (भारत सरकार)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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