Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

विश्व से कर दो दूर कोरोना

विवेक रंजन ‘विवेक’
रीवा (म.प्र.)

********************

विश्व से कर दो दूर कोरोना
इतना घातक हुआ संक्रमण,
चहुँदिश मानवता का क्रंदन।

जन-जन तक अब पहुँच चुका,
दूषित विष अणु का संवर्धन।

मन बुद्धि संग हैं दंभ से घायल,
वायु, पृथ्वी, आकाश, अनल, जल।

हमने प्रकृति संग खूब किये छल,
कब तक वह रह पाती निश्चल।

सीना धरती का चीर ही डाला,
बिना नियंत्रण खनिज निकाला।

धवल गगन को करके काला,
प्राणवायु में भर दी ज्वाला।

लज्जा तज दी तोड़ दी माला,
थाम लिया मदिरा का प्याला।

सुरा-सुन्दरी, जीव निवाला,
हमने जाने क्या-क्या कर डाला।

सहनशक्ति की भी सीमा है,
भले प्रकृति सबकी माँ है।

यह विष अणु माँ की माया है,
दयादात्रि बस प्रकृति माँ है।

अंतर्मन से उद्बोध हुआ है,
अब हमको भी बोध हुआ है।

कभी न होगी हमसे गलती,
हमें बहुत विक्षोभ हुआ है।

आत्मग्लानि से भीग उठे हम,
निर्दोषों की जान तो लो ना।

क्षमा करो माँ ! क्षमा करो ना,
विश्व से कर दो दूर कोरोना।

शुभ पुण्य रीति अपनायेंगे माँ !
हम फिर से तुम्हें सजायेंगे माँ !

शुचिता के पथ नैतिकता संग,
जीवन भर चलते जायेंगे माँ !

क्षमा करो माँ ! क्षमा करो ना,
विश्व से कर दो दूर कोरोना।

परिचय : विवेक रंजन “विवेक”
जन्म –१६ मई १९६३ जबलपुर
शिक्षा- एम.एस-सी.रसायन शास्त्र
लेखन – १९७९ से अनवरत…. दैनिक समय तथा दैनिक जागरण में रचनायें प्रकाशित होती रही हैं। अभी हाल ही में इनका पहला उपन्यास “गुलमोहर की छाँव” प्रकाशित हुआ है।
सम्प्रति – सीमेंट क्वालिटी कंट्रोल कनसलटेंट के रूप में विभिन्न सीमेंट संस्थानों से समबद्ध हैं।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमेंhindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak mnch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *