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हास्य दिवस 

हास्य दिवस 

रचयिता : शशांक शेखर

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एक काव्य समूह का मैं बना हिस्सा

उसमें हुआ बड़ा अजीब एक क़िस्सा

किसी कवि ने कहा इस बार पूर्व संध्या पाँच मई की

है अंधेरी काली अमावस्या शनिचरी की

तभी समूह कर्ता ने टिप्पणी दे डाली

पाँच मई है विश्व हास्य दिवस है कह डाली

आगे लिखा था शनिशचरी अमावस्या

पीछे हास्य दिवस उपरोक्त पर काव्य की हो रचना

मैं अलबेला शब्दों में फँस गया

जानकारी ही बचाव है के चक्कर में धँस गया

मैंने छूटते पूछा उपरोक्त विषय के क्या मतलब है

कविता शनिचर पर है की अमावस्या पर ग़ौरतलब है

समूह कर्ता ने पूनः शब्दों को पढ़ने की सलाह दे डाली

मैंने भी कई बार पढ़ा मेरा समय था बहुत ख़ाली

मैंने उपरोक्त का संधि विच्छेद किया

ऊपर उक्त से शनिचरी अमावस्या को विषय मान लिया

पाँच मई ही है कविता का विषय किसी ने समझाया

इस भागते ज़माने में हास्य का महत्व बताया

मैं क्या करता

कविता को पकड़ता तो हस्त छूट जाता

मेरी समझ में कुछ नहीं आया

पाँच मई के लिए समूह में मैंने अपना फ़ोटो भिजवाया

सब खिलखिला कर हंस पड़े

किसी ने पूछा फिर खड़े खड़े

हास्य कविता में अपनी तस्वीर क्यूँ भेजी

लिखने नहीं आता फिर यह समूह जोवाईन क्यूँ की

तुमने तो काव्य मंच का बेडागर्क कर डाला

बेवजह ही हँसा काट पेट फाड़ डाला

क्या तुम्हें अपनी जगहँसाई पर शर्म नहीं आती

कविता लिखनी ना सही मौन प्रतिष्ठा नहीं भाती

मैं क्या कहता कुछ समझ ना पाया

जीवन का मतलब ही हँसना हँसाना अबतक समझ आया

बात हास्य की थी

फिर तस्वीर कहाँ मेरी बुरी थी

मक़सद हँसाना था

वो तो यूँ ही पूरी हो गयी थी

मैंने अलविदा के साथ आपका हास्य कवि लिखा

अगले पल अपने को पूनः उस ग्रूप का सदस्य पाया ।

 

लेखक परिचय :– आपका नाम शशांक शेखर है आप ग्राम लहुरी कौड़िया ज़िला सिवान बिहार के निवासी हैं आपकी रुचि कविताएँ आलेख पढ़ने और लिखने में है।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर कॉल करके सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com सर्च करें…🙏🏻

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