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आओ बच्चों

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रचयिता : श्रीमती मीना गोड़ “मीनू माणंक”

आओ बच्चो, तुम आज की खुशहाली।
आने वाले कल का भविष्य हो।।
आस लगाए, तकती तुम्हैं धरती।
प्रकृति है, देखो बाहें पसारे।।
किया है हमने खिलवाड़ पर्यावरण से।
तुम दो सम्मान धरती को हरियाली फैला के।।
ओ नौनिहालों, फूलों से करो प्यार।
पौधे तुम लगाओ, बारम्बार।।
रूठ गई है जो चिरैया हमारी,
देख, फल-फूल से लदी डाली वो भी लोट अएगी।।
कल-कल करती बहेगीं, जब नदियाँ
बूझेगी, तब प्यास धरती की।।
मद-मस्त बादल, गरज कर शंखनाद बजाएगें।
झूम कर बदली,
रिमझिम बूंदों से घूंघरू की झनकार सुनाएगी।।
इंद्रधनुषी ये चुनरी सतरंगी।
जब चारों ओर छा जायेगी।।
रंग-बिरंगें इन फूलों से।
वसुंधरा, दुल्हन सी सज जायेगी।।
आओ बच्चों, तुम आज की खुशहाली।
आने वाले कल का भविष्य हो।।

 

लेखिका परिचय :- 
नाम – श्रीमती मीना गोड़ “मीनू माणंक” 
सदस्य – इंदौर लेखिका संघ
शुभ संकल्प (पंजीकृत) – कई प्रतिष्ठित अखबारों में रचनाओं का प्रकाशन, व विभिन्न पत्र-पत्रिकाओ में लेख वा रचनाऐं प्रकाशित

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

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