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कोदरिया में रंग-बिरंगी काव्य गोष्ठी संपन्न

महू: नि.प्र. ग्राम कोदरिया में सरदार पटेल नगर स्थित महू अंचल के लोकप्रिय साहित्यकार धीरेन्द्र जोशी के निवास पर साहित्य मित्र मंडल कोदरिया की रंगपंचमी के अवसर एक रंग-बिरंगी काव्य गोष्ठी संपन्न हुई। धार के मंचीय कवि नरेंद्र मांडलिक अध्यक्ष एवं मालवी कवि रमेश आंजना कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
कवि धीरेन्द्र जोशी के संचालन में कवि श्री राधेश्याम गोयल, डॉ संजय श्रीवास्तव, सुलभा जोशी, सुषमा दुबे, ललिता जोशी, कीर्ति श्रीवास्तव, द्रोणाचार्य दुबे ने होली की हास्य रस से भरपूर कविताओं एवं गीतों का देर रात तक रचना पाठ किया। आभार प्रदर्शन शैलेन्द्र जोशी ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ रंग-गुलाल होली से हुआ तथा समापन स्वादिष्ट स्वल्पाहार से हुआ। कार्यक्रम के दौरान स्वर्गीय श्रीधर जोशीजी की साहित्यकार बेटियों सुलभा जोशी एवं सुषमा दुबे का जन्मदिन के अवसरबी पर सम्मान भी किया गया।
कवियों की प्रमुख पंक्तियां …
नरेंद्र मांडलिक – संबंधो के संबंध निभाने चला अकेला दिखना था, होली साथ मगर तुम बदल गये।
राधेश्याम गोयल – प्रीत की रीत कठिन सजनी तुम का करके आज निभाओगी।
ललिता जोशी – होली के रंग बिखरने दो ढोलक मृदंग को बजने दो।
रमेश आंजनाजी – हैप्पी होली बोली घरवाली।
धीरेन्द्र जोशी – दी कोख तुम्हें माता बनकर नवजीवन का उपहार दिया।
सुषमा दुबे – आज म्हारा अंगना में उतरियो है फागणो।
सुलभा जोशी – धक-धक-धक-धक मनवा करत है मोहन होली आई रे।
कीर्ति श्रीवास्तव – नारी हूं पर न्यारी हूं हर सुख दुख में साथ तुम्हारी हूं।
द्रोणाचार्य दुबे – चंद चम्मच चापलूसी की चासनी चटाकर, कर्तव्यनिष्ठों के कर्तव्य को कचरा बताकर, सत्ता के सामंतियों के सम्मान गीत पढ़ते हैं।


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