Sunday, December 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

रंग का त्यौहार आया

अख्तर अली शाह “अनन्त”
नीमच (मध्य प्रदेश)
********************

रंग का त्यौहार आया, खेलने दे यार रंग।
भर रहा चाहत के नक्शे, में नया फिर प्यार रंग।।

अपने रुखसारों को रंगने, दे मुझे भी प्यार से।
हसरतों का दिल की मेरे, कर सके इजहार रंग।।

प्यार के बीमार को, रंग दे तू अपने रंग में।
यार यह एहसान कर दे, डाल दे एक बार रंग।।

आज फिर रंगीन कर दे, इस तरह जीवन मेरा।
याद सदियों तक रहे, यूं खेलना पल चार रंग।।

मुस्कुराहट जिंदगी की, हमसफ़र बन जाएगी।
आप जो खेलेंगे मेरे, साथ में सरकार रंग।।

हम हुए शोला बदन, जैसे हो जंगल में पलाश।
राख हो जाने से पहले, खेल लें दिलदार रंग।।

तू मुझे उस रंग में अब, भीग जाने दे “अनन्त”।
जो मोहब्बत घोलकर, तूने किया तैयार रंग।।

परिचय :- अख्तर अली शाह “अनन्त”
पिता : कासमशाह
जन्म : ११/०७/१९४७ (ग्यारह जुलाई सन् उन्नीस सौ सैंतालीस)
सम्प्रति : अधिवक्ता
पता : नीमच जिला- नीमच (मध्य प्रदेश)


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *