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रंग का त्यौहार आया

अख्तर अली शाह “अनन्त”
नीमच (मध्य प्रदेश)
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रंग का त्यौहार आया, खेलने दे यार रंग।
भर रहा चाहत के नक्शे, में नया फिर प्यार रंग।।

अपने रुखसारों को रंगने, दे मुझे भी प्यार से।
हसरतों का दिल की मेरे, कर सके इजहार रंग।।

प्यार के बीमार को, रंग दे तू अपने रंग में।
यार यह एहसान कर दे, डाल दे एक बार रंग।।

आज फिर रंगीन कर दे, इस तरह जीवन मेरा।
याद सदियों तक रहे, यूं खेलना पल चार रंग।।

मुस्कुराहट जिंदगी की, हमसफ़र बन जाएगी।
आप जो खेलेंगे मेरे, साथ में सरकार रंग।।

हम हुए शोला बदन, जैसे हो जंगल में पलाश।
राख हो जाने से पहले, खेल लें दिलदार रंग।।

तू मुझे उस रंग में अब, भीग जाने दे “अनन्त”।
जो मोहब्बत घोलकर, तूने किया तैयार रंग।।

परिचय :- अख्तर अली शाह “अनन्त”
पिता : कासमशाह
जन्म : ११/०७/१९४७ (ग्यारह जुलाई सन् उन्नीस सौ सैंतालीस)
सम्प्रति : अधिवक्ता
पता : नीमच जिला- नीमच (मध्य प्रदेश)


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