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बादल मन मेरा

रमेशचंद्र शर्मा
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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गरम रेत पर बरसता
बादल मन मेरा !
बूंद-बूंद को तरसता
बादल मन मेरा !
हमेशा हालात हवाओं
ने बदला किए
कतरा-कतरा बिखरता
बादल मन मेरा !
समंदर सी खारी किस्मत
बनी हमारी
ऊंची लहरों से मचलता
बादल मन मेरा !
काली घटाओं के साथ
मिलता कभी
पहाड़ों पर फिसलता
बादल मन मेरा !
काली बदलियों के झुंड
आकर घेर लेते
बिजलियां देख गरजता
बादल मन मेरा !
जलाती गर्मियों में आकाश
पर चढ़ाई
प्रेम सागर को भटकता
बादल मन मेरा !
युगों से वाष्प बनकर
खुद को छलता
बार-बार मन बदलता
बादल मन मेरा !
अपूर्णता से पूर्णता
प्राप्ति की ललक
सदा नदियों संग बहता
बादल मन मेरा !
अजब आकर्षण वसुधा
और व्योम में
गिरता, छुपता, निकलता
बादल मन मेरा !

परिचय : रमेशचंद्र शर्मा
निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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