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बचपन की शरारतें

होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा

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अल्हड़ बचपन याद आता,
जब करते थे कुछ शरारतें।
भूल नहीं पाते उनको अब,
वो बन चुकी हैं वो इबारतें।२।

नंगे पैर, अर्ध नग्र बदन था,
पतंग की पकड़ते थे डोर।
देख देखके मात पिता का,
मच जाता था जमकर शोर।४।

कंचे खेलते, ताश खेलते,
कभी भागते चिडिय़ा पीछे।
कभी किसी से झगड़ा करे,
गुरुजन पकड़ कान खींचे।६।

झीरनी, खुलिया, टेम था,
शरारत भरे सारे थे काम।
उलहाना आता गन्ने तोड़े,
कभी होता नाम बदनाम।८।

खिलौने से खेला करते थे,
दिनभर हंसते थे गली गली।
क्या मनमोहक, बचपन था,
लगती थी ज्यों फूल कली।१०।

किसी की चोटी पकड़ते,
कभी बहुत अकड़ते थे।
कभी किसी बात लेकर,
आपस में ही झगड़ते थे।१२।

कभी घूसंड मारते देखे,
कभी झूठ बोलते आगे।
कभी किसी चीज उठा,
कभी शरारत कर भागे।१४।

नहीं डर था मारपीट में,
झगड़ा करते पल में हम।
कभी बेर तोड़ लाते थे,
बातों में होता एक दम।१६।

मसखरी करते सरे आम,
खा जाते थे तोड़के आम,
मां बाप तक कहने आते,
कहते करते हमें बदनाम।१८।

सफा लिखने के बहाने करे
बोलते थे शिक्षक से भी झूठ,
कभी क्रोध में पीटते साथी,
कभी हम उनको आते कूट।२०।

परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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