Saturday, September 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

सोच बदलो गाँव बदलो

संजय जैन
मुंबई (महाराष्ट्र)
********************

अपने-अपने गांवों से
हम बहुत प्रेम करते हैं।
इसलिए पड़ लिखकर
हम गाँव में रहने आये।।

अपने गाँव को हम
सम्पन्न बनाना चाहते हैं।
जिसे कोई भी गाँव वाले
रोजगार हेतु शहर न जाये।।

गाँव वालो से मिलकर
हम कुछ ऐसा काम करें।
ताकि अपने गांव को
आत्म निर्भर बना पाये।।

खुद के पैरों पर गाँव
अपना खड़ा हो जाये।
छोड़कर शहरों की जंजीरो को
युवक गांवों में वापिस आये।।

आत्म निर्भर अपने गाँव को
करके हम दिख लाये।
जिसे देखने को शहर वाले
अपने गाँव में आवे।।

गाँव के घर घर में
काम अब सब करते हैं।
गाँव की वस्तुये खरीदने को
शहर वाले गांवों में आते है।।

गाँव के सभी लोगों को
शिक्षित किया जा रहा।
बच्चें और बूड़े आजकल
सभी स्कूलों में साथ पड़ते है।।

गांधीजी के स्वच्छय
भारत के सपनों को
हम मिलकर पूरा कर रहे हैं।
और गाँवों की संस्कृति को
शहरो से जोड़ रहे हैं।।

गाँव को हम अपने
शहरों से सुंदर बना रहे हैं।
पर्यूषण मुक्त अपने गाँव को
हम मिलकर बना रहे हैं।।

इसलिए हम पड़ लिखकर
अपने गांव को लौटे हैं।
ताकि अपने गाँव को
आत्म निर्भर बना सके।।

परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं। ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी के चलते कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। आप मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखने के साथ-साथ मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है, आप लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *