विकाश बैनीवाल
मुन्सरी, हनुमानगढ़ (राजस्थान)
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अ-कारण कोई आत्महत्या नहीं करता,
जनाब ख़ुश होकर कोई नहीं मरता।
आपनो के ही आघात ले बैठते है,
बैगानो की बातों से कोई नहीं डरता।
अ-कारण कोई आत्महत्या नहीं करता,
ज़िन्दगी के बोझ से कोई नहीं दबता।
तनाव बना देते है दिल मे रहने वाले,
वैसे बाहर वालों से कोई फर्क नहीं पड़ता।
अ-कारण कोई आत्महत्या नहीं करता,
चेहरों से असलियत का पता नहीं चलता।
लाज से ही कदम उठाना पड़ता है,
यूँ ही जहर का घूंट अच्छा नहीं लगता।
अ-कारण कोई आत्महत्या नहीं करता,
जो टूट जाता वो अंदर से नहीं हँसता।
मानसिक पीर भयंकर होती है,
शारीरिक पीड़ा से कोई फंदा नहीं लटकता।
परिचय :- विकाश बैनीवाल
पिता : श्री मांगेराम बैनीवाल
निवासी : गांव-मुन्सरी, तहसील-भादरा जिला हनुमानगढ़ (राजस्थान)
शिक्षा : स्नातक पास, बी.एड जारी है
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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