Monday, November 25राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

अ-कारण

विकाश बैनीवाल
मुन्सरी, हनुमानगढ़ (राजस्थान)

********************

अ-कारण कोई आत्महत्या नहीं करता,
जनाब ख़ुश होकर कोई नहीं मरता।
आपनो के ही आघात ले बैठते है,
बैगानो की बातों से कोई नहीं डरता।

अ-कारण कोई आत्महत्या नहीं करता,
ज़िन्दगी के बोझ से कोई नहीं दबता।
तनाव बना देते है दिल मे रहने वाले,
वैसे बाहर वालों से कोई फर्क नहीं पड़ता।

अ-कारण कोई आत्महत्या नहीं करता,
चेहरों से असलियत का पता नहीं चलता।
लाज से ही कदम उठाना पड़ता है,
यूँ ही जहर का घूंट अच्छा नहीं लगता।

अ-कारण कोई आत्महत्या नहीं करता,
जो टूट जाता वो अंदर से नहीं हँसता।
मानसिक पीर भयंकर होती है,
शारीरिक पीड़ा से कोई फंदा नहीं लटकता।

परिचय :- विकाश बैनीवाल
पिता : श्री मांगेराम बैनीवाल
निवासी : गांव-मुन्सरी, तहसील-भादरा जिला हनुमानगढ़ (राजस्थान)
शिक्षा : स्नातक पास, बी.एड जारी है
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *