मालवी बोली को समृद्ध करता उपन्यास ‘किनारा की खोज’
पुस्तक : 'किनारा की खोज'
अनुवादक : हेमलता शर्मा 'भोलीबेन'
प्रकाशक : प्रिन्सेप्स प्रकाशन, बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
मूल्य : १०/- रु.
पृष्ठ : ८६
समीक्षक :- राम मूरत 'राही', इन्दौर (म.प्र.)
विख्यात व्यंग्यकार श्री हरिशंकर परसाई के लघु उपन्यास 'तट की खोज' का मालवी बोली में 'किनारा की खोज' नाम से अनुवाद किया है साहित्यकार सुश्री हेमलता शर्मा 'भोलीबेन' ने। अनेक सम्मान से सम्मानित भोलीबेन कविता, व्यंग्य, लघुकथा, कहानी, आलेख एवं संस्मरण भी लिखती हैं, साथ ही वे एक रंगमंच कलाकार, मंच संचालक भी हैं। मालवी बोली के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु निरंतर कार्यरत हैं। पिछले वर्ष उन्होंने 'अपणो मालवों भाग-१ में 'मालवी लोकोक्तियां एवं मुहावरे' का संकलन निकाला था, जिसे पाठकों द्वारा काफी पसंद किया गया था। उन्होंने मालवी बोली के पाठकों, और इस बोली में रुचि रखने वालों को नाम मात्र की कीमत (१० रु.) में उपलब्ध करव...