शैलपुत्री
संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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नवरात्र प्रारंभ प्रथम।
दिवस माता शैलपुत्री।
भारत भू आगमन।
हम सब करें पूजन वंदन।
तुम माता शैलराज।
हिमालय पुत्री शैलपुत्री।
कहलाए तुम संग दुर्गा पूजा।
प्रारंभ तुम्हारा वाहन वृषभ।
जिस पर विराज तुम आई।
दाहिने कर त्रिशूल अरु बाँए।
कर कमल पुष्प सोहे।
प्रथम दिवस उपासना में योगी।
स्व मन मूलाधार चक्र स्थित कर।
योग साधना आरंभ कर।
माता शैलपुत्री सुमिरै।
रोली, अक्षत लगा भोग लगा।
मां शैलपुत्री मनावे।
आशीर्वाद पावे।
परिचय :- श्रीमती संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया
निवासी : भोपाल (मध्यप्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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