अटल बिहारी जी पर दोहे
प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे
मंडला, (मध्य प्रदेश)
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अटल दिव्यता के धनी, किया दिलों पर राज।
सदियों तक होगा हमें, महारत्न पर नाज।।
विनय भाव गहना रहा, प्रतिभा का संसार।
भारत मां के आंगना, फैलाया उजियार।।
राजनीति के दिव्यजन, देशभक्ति-आयाम।
दमका लेकर दिव्यता, अटल बिहारी नाम।।
कवि बनकर साहित्य की, रक्खी हरदम लाज।
कविता के सुर-ताल थे, वाणी के अधिराज।।
संसद के बेटे खरे, गरिमा के उत्कर्ष।
युग को वे देते रहे, अंतिम क्षण तक हर्ष।।
संघर्षी जीवन रहा, थे गुदड़ी के लाल।
अटल बिहारी सूर्य-से, काटा तम का जाल।।
महा राष्ट्रनायक बने, शासन के सिरमौर।
राष्ट्र-प्रगति के केंद्र बन, दिया शांति को ठौर।।
अटल बिहारी के लिए, है सबको सम्मान।
उनके तो गुण गा रहा, देखो सकल जहान।।
हिंदी के सम्मान का, नारा किया बुलंद।
राष्ट्र संघ तक थी पहुंच, हुए पड़ोसी मंद।।
जन्मदिन पर ह...