शूलों से भरा प्रेम पथ
मीना भट्ट "सिद्धार्थ"
जबलपुर (मध्य प्रदेश)
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है शूलों से भरा प्रेम-पथ,
मनुज-स्वार्थ के खम्भ गड़े।
कुछ भौतिक लाभों के कारण,
कौरव पांडव देख लड़े।।
क्रोध घृणा जग मध्य बढ़ा है,
प्रेम सुधा का काम नहीं।
त्याग समर्पण को भूले सब,
समरसता का नाम नहीं।।
अवरोधों को पार करो सब,
छोटे हों या बहुत बडे़।।
धर्म-कर्म करता ना कोई,
गीता का भी ज्ञान नहीं।
मोहन की मुरली के जैसी,
मधुरिम कोई तान नहीं।।
बहु बाधित सुख शांति हुई है,
नाते हुए चिकने घड़े।।
तप्त हुई वसुधा पापों से,
दानव हर पल घात करें।
भूल भावना सहयोगों की,
राग-द्वेष की बात करें।
आवाहन करते खुशियों का,
दो मोती प्रभु सीप जड़े।।
परिचय :- मीना भट्ट "सिद्धार्थ"
निवासी : जबलपुर (मध्य प्रदेश)
पति : पुरुषोत्तम भट्ट
माता : स्व. सुमित्रा पाठक
पिता : स्व. हरि मोहन पाठक
पुत्र : सौरभ भट्ट
पुत...