चलो चलें अब सर्दी आई
अख्तर अली शाह "अनन्त"
नीमच
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चलो चलें अब सर्दी आई,
इसका भी तो लाभ उठाएं।
सौ रूपये के कंबल बांटें,
दोसौ के फोटो खिंचवाएंं।।
लाभ उठाना अपना मकसद,
जीवन धन्य बनाएं ऐसे।
रामबाण है दिल खुश करना,
खुशियों को हम लाएं ऐसे।।
आज प्रदर्शन का युग भाई,
नहीं बुरा दो दें सौ पाएं।
सौ रूपये के कंबल बांटे,
दोसौ के फोटो खिंचवाएं।।
ले तो नहीं रहे कुछ उनसे,
क्या बिगड़े जो ढाल बनालें।
मदद भले छोटी है उनकी,
अपनी भी तो प्यास बुझालें।।
दुनिया है बाजार बडा ये,
बुद्धिमान हैं लाभ कमाएं।
सौ रुपए के कंबल बांटें,
दोसौ के फोटो खिंचवाएं।।
नहीं जुबां होती निर्बल के,
यह "अनंत" जग जान रहा है।
बोलो तो बूरा भी बिकता,
इस सच को पहचान रहा है।।
हम हैं ऊंचे बोलने वाले,
अखबारों में आओ छाएं।
सौ रूपये के कंबल बांटें,
दोसौ के फोटो खिंचवाएं।।
परिचय :- अख्तर अली शाह "अनन्त"
पिता : कासमशाह
जन्म : ११/०७/१९४७ ...