छोटा- सा जीवन
छोटा- सा जीवन
रचयिता : डॉ. इक़बाल मोदी
छोटा- सा जीवन है ये, तो मस्त रहे हर हाल में।
गाड़ी का क्यो रस्ता देखे , मस्त रहे पदचाल में।।
हर पल मुस्काते ही बोले , आंसू में क्यो दुबे हम,
जीवन सुंदर मौज मनाये ,मस्त रहे हर काल मे।।
ऊंचे ख्वाब तसव्वुर झूठे, लगते सब बेमानी ये,
क्यो पनीर के ख्वाब सजाये, मस्त रहे घर-दाल में।।
जीवन है तो नित चुनौतियां ,आएंगी ही सदा यहाँ,
करे सामना डटकर इनका,
मस्त रहे हर ताल में।।
कौन करोड़ीमल, कौन अरबपति हो,इससे क्या,
फटेहाल' इक़बाल' ठीक है, मस्त रहे निज माल में।।
परिचय :- नाम - डॉ. इक़बाल मोदी
निवासी :- देवास (इंदौर)
शिक्षा :- स्नातक, (आर.एम्.पी.) वि.वि. उज्जैन
विधा :- ललित लेखन, ग़ज़ल, नज्म, मुक्तक
विदेश यात्रा :- मिश्र, ईराक, सीरिया, जार्डन, कुवैत, इजराइल आदि देशों का भ्रमण
दायित्व :- संरक्षक - पत्र लेखन संघ
सदस्य :- फिल्म राइटर एसोसिएशन...