तुम्हारे बिना
संजीत कुमार गुप्ता
चैनपुर, सिवान, (बिहार)
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अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ
आ तुझे मैं गुनगुनाना चाहता हूँ
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कोई आँसू तेरे दामन पर गिराकर
बूँद को मोती बनाना चाहता हूँ
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थक गया मैं करते-करते याद तुझको
अब तुझे मैं याद आना चाहता हूँ
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छा रहा है सारी बस्ती में अँधेरा
रोशनी हो, घर जलाना चाहता हूँ
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आख़री हिचकी तेरे ज़ानों पे आये
मौत भी मैं शायराना चाहता हूँ.
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परिचय :- संजीत कुमार गुप्ता
छात्र : बी.एस सी (मैथ ऑनर्स)
व्यवसाय : गुप्ता साइकिल स्टोर
निवासी : चैनपुर, सीवान (बिहार)
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