माँ सरस्वती
कंचन प्रभा
दरभंगा (बिहार)
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हे हंस वाहिनी माता
तेरे शरण में जो भी आता
पुष्प चढ़ा कर करे नमन हम
आशीर्वाद से छू पाएँ गगन हम
सुर की देवी तु कहलाती
हर बच्चे के मन को भाती
छात्र करे पूजन सब तेरे
दुख दूर हो जाये तेरे मेरे
हो जाए परिपूर्ण ज्ञान से
करे अध्ययन वो बड़े ध्यान से
तेरी वीणा से जो निकले संगीत
मन को मुग्ध करे वो गीत
ज्ञान दायिनी तु वीणा वादिनी
चन्द्र कमल स्वेत वस्त्र धारिनी
अम्ब विमल दे अज्ञानी को
मधुर बनाये शख्त वाणी को
बसंत ऋतु में तु आती है
छात्रों के हृदय बस जाती है
जीवन आनंदमय का पाठ पढ़ाती
कला की देवी सरस्वती कहलाती
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परिचय :- कंचन प्रभा
निवासी - लहेरियासराय, दरभंगा, बिहार
सम्मान - हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिन्दी रक्षक २०२० सम्मान से सम्मानित
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने...