सूरज ने
रशीद अहमद शेख 'रशीद'
इंदौर म.प्र.
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पूर्व दिशा में उदित हुआ तो तिमिर भगाया सूरज ने!
भूमंडल पर रश्मि पुंज का शिविर लगाया सूरज ने!
गई निशा कजरारी काली,
हुए प्रकाशित जड़-चेतन।
छाई शुभ सुखदाई लाली,
जाग उठे सोए जीवन।
झूम उठे जन, मधुर जागरण गीत सुनाया सूरज ने।
भूमंडल पर रश्मि पुंज का शिविर लगा या सूरज ने!
उड़े गगन में विहग प्रफुल्लित,
ईश-वन्दना विरत हुए।
हुए अग्रसर व्योम मार्ग पर,
आलस के क्षण विगत हुए।
जीव जगत को कर्तव्यों का पाठ पढ़ाया सूरज ने!
भूमंडल पर रश्मि पुंज का शिविर लगाया सूरज ने!
सुमन बनीं कितनी ही कलियाँ,
सूर्य मुखी ने किया प्रणाम।
उत्साहित थी अधिक चपलता,
उदासीन हो गया विराम।
नयन-नयन को सुन्दरता की ओर बुलाया सूरज ने।
भूमंडल पर रश्मि पुंज का शिविर लगाया सूरज ने।
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परिचय - रशीद अहमद शेख 'रशीद'
साहित्यिक उपनाम ~ ‘रशीद’
जन्मतिथि~ ०१/०४/१९५१
जन्म स्थान ~ महू ज...