बेटियां
डॉ. भगवान सहाय मीना
जयपुर, (राजस्थान)
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मंदिर की आरती,
मस्जिद की नमाज होती है बेटियां।
जिंदगी का गान,
दुनिया की आवाज होती है बेटियां।
प्रकृति की नींव,
मानवता की आधार होती है बेटियां।
सभ्यता और संस्कृति
की शुरुआत होती है बेटियां।
आस्था की प्रतीक,
हर धर्म की लाज होती है बेटियां।
संसार सागर में,
मानव नैया की पतवार होती है बेटियां।
हृदय का भाव,
बाबूल के सिर का ताज होती है बेटियां।
भाई का अभिनंदन,
मां की मुस्कान होती है बेटियां।
सास की सौगात,
ससूर की नाज होती है बेटियां।
आंखों की चमक,
चेहरे का नूर होती है बेटियां।
रिश्तों के सागर में
स्नेहिल पानी होती है बेटियां।
हिंदू मुस्लिम सिख
ईसाई का त्योहार होती है बेटियां।
चांद की चांदनी,
सूरज की रोशनी होती है बेटियां।
वात्सल्य का सागर,
ममता की नदी होती है बेटियां।
हाथों की रेखाएं,
हर की तकदीर हो...