आँसुओं की कहानी
श्रीमती विभा पांडेय
पुणे, (महाराष्ट्र)
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अश्रु हमेशा कहते कहानी।
कभी नई तो कभी पुरानी।
अश्रु हमेशा कहते कहानी।
खुशी के पल में भी आंँखों से ढुलक आते।
दुख में भी पलकों का बाँध तोड़ बह जाते।
हमेशा चुगली करते दुखों की।
प्रेम की कहानियाँ भी सुनाते।
नैनों में झिलमिलाते आँसुओं की
है ये रीत पुरानी।
अश्रु हमेशा कहते कहानी।
कोई अपना हो या पराया,
दर्द का समंदर हो या नन्हा-सा साया।
आंँखों की ढकनों से छलक ही जाते।
इनकी कथा जानी-पहचानी।
अश्रु हमेशा कहते कहानी।
इन्हें चाहो या तिरस्कार करो,
इकरार करो या इंकार करो।
कहाँ ये सुनते किसी की।
जब भी भाव से भरे मन,
बहने लगता आँखों से पानी।
अश्रु हमेशा कहते कहानी।
कभी नई तो कभी पुरानी,
अश्रु हमेशा कहते कहानी।
परिचय :- श्रीमती विभा पांडेय
शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी एवं अंग्रेजी), एम.एड.
जन्म : २३ सितम्बर १९६८, वाराणसी
निवासी : पुणे, (महारा...