प्यार की ठंडी फुहार
सुभाष बालकृष्ण सप्रे
भोपाल (मध्य प्रदेश)
********************
प्यार में, जब होता है, इंतजार,
खुशियों के, गुब्बारे ऊडते हजार,
दिन रात चैन कभी पडता नहीं,
सफर भी, ये लगता है, फिर बेजार,
कभी न की हमनें उनसे बदज़ुबानी,
जाने, किस बात की, है उन्हें तकरार,
बारिशों में जब भीग गई सारी कायनात,
हमनें, फिर मोहब्बत का, किया इज़हार,
दिलवर की, नज़र-ए-इनायत, क्या हुई,
तन्हा दिल पर पडी, प्यार की ठंडी फुहार
परिचय :- सुभाष बालकृष्ण सप्रे
शिक्षा :- एम॰कॉम, सी.ए.आई.आई.बी, पार्ट वन
प्रकाशित कृतियां :- लघु कथायें, कहानियां, मुक्तक, कविता, व्यंग लेख, आदि हिन्दी एवं, मराठी दोनों भाषा की पत्रीकाओं में, तथा, फेस बूक के अन्य हिन्दी ग्रूप्स में प्रकाशित, दोहे, मुक्तक लोक की, तन दोहा, मन मुक्तिका (दोहा-मुक्तक संकलन) में प्रकाशित, ३ गीत॰ मुक्तक लोक व्दारा, प्रकाशित पुस्तक गीत सिंदुरी हुये (गीत सँकलन) मेँ प्रकाशित हुये ह...