आजाद
नन्दलाल मणि त्रिपाठी
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)
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धन्य धन्य हे माता जगरानी
बदरका भावरा की माटी का
कण कण धन्य।।
कोख और माटी ने मिलकर
भारत को दिया अनमोल रत्न
पंडित सीताराम पिता गौरव पल।।
जुलाई तेईस सन ऊँन्नीस सौ छः
माँ भारती का लाल चन्द्रशेखर
आजाद जन्म।।
लालन पालन सत्य सनातन
नित्य निरंतर संस्कृति संस्कार
अन्याय अत्याचार का प्रतिकार
पुरुषार्थ।।
भारत के जन-जन घुट-घुट कर जीता
जाता परतंत्रता की पीड़ा का घूंट
पिता जाता समय काल प्रतीक्षा।।
चंद्रशेखर नाम दिया मां बाप ने
आज़ाद स्वय का दिया नाम
राष्ट्र के अन्तर्मन की वेदना आज़ादी
की चाह।।
आजादी के संकल्पों प्रतिज्ञा
पराक्रम का स्वयं आज़ाद जन
जन के भाँवो का प्रतिबिंब प्रतीक
आजाद।।
युवा उमंग उत्साह ऊर्जा हुंकार
नौजवानों की टोली जैसे राष्ट्र
अस्मत की रक्षा के जवान।।
भगत सिंह राज गुरु बिस्मिल
असफा...