भारत के मस्तक की बिंदी है हिंदी
प्रभात कुमार "प्रभात"
हापुड़ (उत्तर प्रदेश)
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भारत मांँ के मस्तक
की बिंदी है हिंदी।
भारत मां का
अलंकार है हिंदी,
भारत मांँ का शीश
सुशोभित करती है हिंदी,
देव-भाषा की
अनमोल कृति है हिंदी,
भारत मांँ के मस्तक
की बिंदी है हिंदी।
जन -गण-मन की
शक्ति है हिंदी,
भावनाओं की सुंदर
अभिव्यक्ति है हिंदी,
नन्हे मुन्नो की
बोली है हिंदी
विद्वानों की विद्वता को
परिभाषित करती है हिंदी
जब-जब इस पर संकट
की परछाईं भी दिखती,
कलमकारों की कलम से
निकली हर हुंकार
हिंदी रक्षण में
आंदोलन करती,
भारत मांँ के मस्तक
की बिंदी है हिंदी।
भाषाओं में सर्वोपरि
राष्ट्रभाषा है हिंदी
जन-गण-मन में
रची बसी है हिंदी
हर भारतवासी को
एक सूत्र में बांधती है हिंदी,
भारत मांँ के मस्तक
की बिंदी है हिंदी।
परिचय :- प्रभात कुमार "प्रभात"
निवासी : हापुड़, (उत्तर प्रदेश) भारत
शिक्षा :...