मैं तेरे दिल का टुकड़ा
गोविन्द सरावत मीणा "गोविमी"
बमोरी, गुना (मध्यप्रदेश)
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बाबा मैं तेरे दिल का टुकड़ा,
तेरा ही अंश तेरा ही मुखड़ा।
करना नही दूर मुझे ह्रदय से,
बाटूंगी सब मुश्किल दुखड़ा।।
सदैव रखूंगी लाज दामन की,
रहूंगी तुलसी तेरे आंगन की।
समझना नही बोझ कभी तुम,
मैं बाती तेरे उरदीप पावन की।।
होती नही बिटिया धन पराया,
बिन बेटी कौन वंश मुस्काया।
बेटी से ही ब्रह्मण्ड में हलचल,
रच बिटिया विधना मदमाया।।
बिन बिटिया जीवन सूना है,
लगता भाग्य भी जैसे ऊना है।
गूंजे जिस घर प्रहास बेटी की,
सौभाग्य बड़ा, सम्मान दूना है।।
विदाई का जब आये वक़्त,
लेना छाती कुछ कर सख़्त।
तेरे सपनों के सुमन खिलेंगे
गर्वित होगा तेरा पुनीत रक्त।।
परिचय :- गोविन्द सरावत मीणा "गोविमी"
निवासी : बमोरी जिला- गुना (मध्यप्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं ...