साहित्य साधना…
बिपिन कुमार चौधरी
कटिहार, (बिहार)
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साहित्य है एक साधना,
लोकहित की यह कामना,
नीजहित में मानव पतित,
साहित्य जनहित की आराधना,
साहित्य संगम रहा ढूंढ़,
साहित्यकारों का महाकुंभ,
शपथ बेहतर भविष्य बनाना,
आओ करें साहित्य साधना,
सृजन का यह अद्भुत जुनून,
बोल सकता यही अंधा कानून,
इसका साधक कब कहां डरा,
इससे भयभीत कितना बेमौत मरा,
फिर भी एक सवाल कठिन,
पूछता सबसे कलमकार बिपिन,
अंधकार घना और क्यों भयभीत धरा,
परिवर्तन की दरकार, कैसे बदले विचारधारा...
परिचय :- बिपिन बिपिन कुमार चौधरी (शिक्षक)
निवासी : कटिहार, बिहार
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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