सीता भूमिजा
आशा जाकड़
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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सीता-जन्म हुआ भूमि पर
वह भूमिजा पुत्री कहलाई
भूमिजा जन्म की सच्चाई
अल्प जन ही तो समझ पाई
पुत्री जन्म सुन रावण हर्षाया
खुश होकर ज्योतिषी बुलाया
भविष्य जानने की इच्छा से
उसकी जन्मपत्री बनवाया।
यह कन्या है बहुत भाग्यवान
बनेगी ये भारत की शान मान
पर एक दिन इसका पति ही
बनेगा तुम्हारा काल वरदान
निज काल सुन रावण थर्राया
क्रोध से ज्योतिषी पर गुर्राया
अपशकुनी को हटाओ यहां से
कलश में रख दूर फिकवाया
जनकपुर के नरेश राजा जनक
पूजा पाठ निज जीवन बिताते
प्रजा को निज संतान समझते
सदा उसका हित चिंतन करते
जनकपुर में पड़ गया था सूखा
वर्षा ने रूठकर ऐसा मुंह मोड़ा
जनता त्राहि त्राहि कर रही थी
जनकपुर का जन-जन भूखा
राजा जनक ज्योतिषी बुलवाए
इस समस्या का ये निदान बताए
राजा स्वयं स्वर्णहल क्षेत्र चलाए
अवश्य वर्षा से पृथ्वी लहलहा...




















