नैनों में प्यार है कितना
प्रमेशदीप मानिकपुरी
भोथीडीह, धमतरी (छतीसगढ़)
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नीर भरी आंखे किस-किस से छीपाये
स्व की अफलता का कैसे पता लगाये
उम्र बढ़ी और बढ़ती गई जिम्मेदारी भी
नैनों में प्यार है कितना किसको बताये
हृदय की सरलता कैसे समझ पायेगा
जितना दिया है उतना ही अब पायेगा
अंतर्मन का द्वन्द कोई कैसे जान पाये
नैनों में प्यार है कितना किसको बताये
अपने ही अपने ना रहे फिर आस कैसी
सम्मान नहीं फिर उसपर विश्वास कैसी
स्वभिमान बेच कर कोई कैसे जी पाये
नैनों में प्यार है कितना किसको बताये
कोई जी भी पाया है क्या खुद के लिए
जीवन कुर्बा किया जो अपनों के लिए
उस शख्स की पीड़ा कोई जान ना पाये
नैनों में प्यार है कितना किसको बताये
दावानल लगी है जीवन कानन मे अब
करुणा का भाव ही नहीं आनन मे अब
आप ही बताये जग मे कैसे जीया जाये
नैनों में प्यार है कितना किसको बताये
स्वार्थ से सजा है रिश्तों के बा...