मार पड़ी महँगाई की
मीना भट्ट "सिद्धार्थ"
जबलपुर (मध्य प्रदेश)
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मार पड़ी महँगाई की है,
नहीं सूझती बात।
मिली आज की दौर की हमें,
आँसू ही सौग़ात।।
रोते बच्चे मिले बटर भी,
कुछ रोटी के साथ।
पल्लू से आँसू पोंछे माँ,
पर मारे-दो हाथ।।
छूट गया काम क्या करे अब,
खाओ सूखा भात।
रोज़ गालियाँ देता पति भी,
आती उसे न लाज।
कटे जीवनी कैसे उसकी,
करे न कोई काज।।
पीने दारू बेचें जेवर,
रोती बस दिन-रात।
घूरे के भी दिन आते हैं,
उर रखती बस आस।
काम मिलेगा कल फिर उसको,
पूरा है विश्वास।।
तगड़ा नेटवर्क उसका भी,
देगी सबको मात।
परिचय :- मीना भट्ट "सिद्धार्थ"
निवासी : जबलपुर (मध्य प्रदेश)
पति : पुरुषोत्तम भट्ट
माता : स्व. सुमित्रा पाठक
पिता : स्व. हरि मोहन पाठक
पुत्र : सौरभ भट्ट
पुत्र वधू : डॉ. प्रीति भट्ट
पौत्री : निहिरा, नैनिका
सम्प्रति : सेवानिवृत्त जिला न्या...