स्त्री और रंग
माधवी तारे
लंदन
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दुनिया की आधी आबादी की,
अटल अमिट शान है स्त्री
जीवन को रंगीन बनाने वाली,
चिर प्रेरणादायिनी है स्त्री
कभी चांद सी शीतल,
कभी सूर्य सी दाहक,
प्रेम इज़हारी,
दंडदायिनी है स्त्री.
कभी पदार्थाभाविनि,
रसस्वादिनी,
पाकगृह की कुशल,
स्वामिनी है स्त्री
शिव की शक्ति,
हरि की चरण दासी,
समर क्षेत्र में
रणरागिणी है स्त्री
संत विद्वानों
की जन्मदात्री,
रत्न प्रसविनी है स्त्री
रंग उसका हो
कौन सा भी,
रस रंगहीन है
स्त्री बिन जिंदगी
प्रातः स्मरणीय पंच
कन्याओं की स्मृति,
पंच रंगयुता पाप
विनाशिनी है स्त्री
परिचय :- माधवी तारे
वर्तमान निवास : लंदन
मूल निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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