सागर का वसन्त अनंत
डॉ. किरन अवस्थी
मिनियापोलिसम (अमेरिका)
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सागर का वसंत हैअनंत
कभी न मरने वाली,
अटखेली करती मतवाली
लहरों का है संग,
तो क्यों न हो
सागर का वसंत अनंत।
सागर को तर करने वाली,
कूलों को बालू से भरने वाली
लहरों का है संग,
तो क्यों न हो
सागर का वसंत अनंत।
चंदा को रिझाने वाली,
सूरज को चमकाने वाली
लहरों का है संग,
तो क्यों न हो
सागर का वसंत अनंत।
प्रस्तर को मृदु करने वाली,
वृक्षों का सिंचन करने वाली
लहरों का है संग,
तो क्यों न हो
सागर का वसंत अनंत।
कमसिन सी जल भरने वाली,
मीठी तान सुनाने वाली
लहरों का है संग,
तो क्यों न हो
सागर का वसंत अनंत।
परिचय :- डॉ. किरन अवस्थी
सम्प्रति : सेवा निवृत्त लेक्चरर
निवासी : सिलिकॉन सिटी इंदौर (मध्य प्रदेश)
वर्तमान निवासी : मिनियापोलिस, (अमेरिका)
शिक्षा : एम.ए. अंग्रेजी, एम.ए. भाषाविज्ञान, पी.एच.डी...