जय श्री राधे
भारत भूषण पाठक
धौनी (झारखंड)
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श्याम बिनु राधा कैसी, राधा बिनु कैसे
श्याम।
बोलो मन जय राधे नाम, बोलो मन जय श्रीराधे श्याम।
मुरली बजा जियू हर लीन्हों, ये तेने कैसो जादू किन्हों।
कह रयो गोपी संग नंदग्राम, बोलो मन जय श्रीराधे श्याम।
ब्रज की माटी उछल-उछल कर, बता रयो कान्हा जी आयो।
यमुनाजी भी मस्त हो रयो, लता-बेल आजु है गा रयो।
आयो कान्हा फेरू है नंदग्राम, बोलो मन जय श्रीराधे श्याम।
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लेखक परिचय :-
नाम - भारत भूषण पाठक
लेखनी नाम - तुच्छ कवि 'भारत '
निवासी - ग्राम पो०-धौनी (शुम्भेश्वर नाथ) जिला दुमका(झारखंड)
कार्यक्षेत्र - आई.एस.डी., सरैयाहाट में कार्यरत शिक्षक
योग्यता - बीकाॅम (प्रतिष्ठा) साथ ही डी.एल.एड.सम्पूर्ण होने वाला है।
काव्यक्षेत्र में तुच्छ प्रयास - साहित्यपीडिया पर मेरी एक रचना माँ तू ममता की विशाल व्योम को स्थान मिल चुकी है काव्य प्रतियोगिता में।
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