वो याद आते हैं
रागिनी सिंह परिहार
रीवा म.प्र.
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मैं अपने दिल की धड़कन में
उसी का नाम लिखती हूँ
उसी का नाम लिख लिख कर
उसी को याद करती हूँ।
उसे क्या फर्क पड़ता है
मेरे होने न होने से,
मुझे बस फर्क पड़ता है
उसी की रात होने में।
मेरे ही साथ रहने का
जो वादा कल किये थे तुम,
मुझे वो याद है अब भी....
सदैव तुम दिल में रहते हो।
मुझे बस फर्क पड़ता है
उसी की रात होने मे....
परिचय :- रागिनी सिंह परिहार
जन्मतिथि : १ जुलाई १९९१
पिता : रमाकंत सिंह
माता : ऊषा सिंह
पति : सचिन देव सिंह
शिक्षा : एम.ए हिन्दी साहित्य, डीएड शिक्षाशात्र, पी.जी.डी.सी.ए. कंप्यूटर, एम फील हिन्दी साहित्य, पी.एचडी अध्ययनरत
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