अंगा री हड़ताल
राम प्यारा गौड़
वडा, नण्ड सोलन (हिमाचल प्रदेश)
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एक्क दिन सबीं अंगा ने बैठक बुलाई...
सोचि बचारी के, गल्ल गलाई।
ऐ पेट नहीं करदा, काम्म ना कार,,,,,
जेब देखो, खाई के रोटी,
मारुंआं डकार।
सारा दिन हांए, मरदे-खपदे।।
थकि के हुई जाउंआं बुरा हाल।
पैरा ने आपणी तौंस जमाई,
हांए, हांडि फिरि के करुंए कमाई।
हाथ्थां ने भी दुखड़ा सुणाया...
खाणे-पिणे रियां चिजां ल्याओ,
तेब ऐस पापी पेटो तिकर पहुंचाओ,
पर बसर्म पेटो ने कदि जस नी गाया।
नाक, कान्न, जीब बी तुनके,
आकड़ि के बोले,,,,,
आलसी पेटो जो देयो दो-चार छुनके।
दान्दा ने भी दांद द्खाए...
ऐ-पेट, खसमां जो खाए।।
करि के हड़ताल...बोले..
मोटा पेट हाए-हाए।
चंउं दिन्ना बाद,
अंगा री अक्ल ठकाणे आई।।
पैर अकड़े, हाथ्थ सुकड़े,
कान्ने सुणणा बंद।
हाखिं री बी हालत माड़ि,
जीब सुकिगी सारी।
सिर चकराया, कांदा नाल टकराया।।
पंजुए दिन्...