शिवायन
विजय गुप्ता "मुन्ना"
दुर्ग (छत्तीसगढ़)
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शिव का नाम जगत में सबसे छोटा पर,
देवों के देव महादेव ही शिव अखंड श्रद्धा पूर्ण नमन।
ब्रम्हांड में शून्य स्थान नहीं कभी रहता,
दिव्य चेतना से परिपूर्ण हर कोना ज्ञान भंडार चमन।
ज्यतिर्लिंगों से शंख आकृति रचेता बम बम लहरी।
अनंत चेतना है शाश्वत शिव प्रथम गुरु,
स्वयं-भू शिव के दो नेत्र सूर्य चंद्र तीसरा विवेक नयन।
भूत वर्तमान भविष्य स्वर्ग मृत्यु पाताल,
त्रिलोक स्वामी भोले भक्ति में दास भक्त करते जतन।
शिव का नाम जगत में सबसे छोटा पर,
देवों के देव महादेव ही शिव अखंड श्रद्धा पूर्ण नमन।
ज्यतिर्लिंगों से शंख आकृति रचेता बम बम लहरी।
देवी सती स्मृति वश देह पर भस्म रमाते,
शिव आभूषण भस्म के भस्मी तिलक में भक्त भजन।
नागराज वासुकी बने सागर मंथन रस्सी,
नागसर्प माला भी गहना शिव शंकर को भाए गहन।
शिव का नाम जगत में सबसे छोटा पर,...