मित्रता की परिभाषा
रुचिता नीमा
इंदौर म.प्र.
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मित्र
एक शब्द है जाना पहचाना सा....
दिल के क़रीब कोई अपना सा....
जिससे नहीं हो कोई भी सम्बन्ध....
पर हो दिल के गहरे बंधन।
जो बिन कहे सब समझ जाएं
जिसे देख दर्द भी सिमट जाए....
जहाँ उम्र भी ठहर जाए....
जिसे देखकर ही आ जाये सुकून
और सब तनाव हो जाये गुम....
तो वह है मित्र
जब मुश्किलों से हो रहा हो सामना....
और लगे कि अब किसी को है थामना
तब जो हाथ बढ़ाये
वह है मित्र....
निःस्वार्थ, निश्छल, और सब सीमाओं से परे
जहाँ बाकी न रह जाये कोई आशा....
बस यही है मित्रता की परिभाषा
परिचय :- रुचिता नीमा जन्म २ जुलाई १९८२ आप एक कुशल ग्रहणी हैं, कविता लेखन व सोशल वर्क में आपकी गहरी रूचि है आपने जूलॉजी में एम.एस.सी., मइक्रोबॉयोलॉजी में बी.एस.सी. व इग्नू से बी.एड. किया है आप इंदौर निवासी हैं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौ...