तेरी शहादत अमर रहेगी
गोविन्द सरावत मीणा "गोविमी"
बमोरी, गुना (मध्यप्रदेश)
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जब तक अर्श-जमी रहेगी,
तेरी शहादत अमर रहेगी।
होंगे चर्चे तुम्हारे ही दर-दर,
हस-हस शूरता समर सहेगी।।
फ़िर होगा न कारगिल-सा,
छल-छदम भरा संग्राम।
मुस्तेद खड़े प्रहरी सीमा के,
हो निर्भय अविचल अविराम।।
भारतीय वीर बांकुरें पलते,
पल-पल तूफ़ानी आगोश में।
लेगा न प्रतिपक्षी फ़िर पंगा,
आकर कभी क्षणिक जोश में।।
सैंकड़ों शहीदों की कुर्बानी,
नही,व्यर्थ जाने दी हमने।
ख़ून का बदला सिर्फ़ ख़ून,
कुछ को फ़िर मारा ग़म ने।।
कारगिल विजय दिवस पर,
है सादर नमन तुम्हें हमारा।
अमर रहेगा बलिदान यह,
रहेगा गर्वित भारत प्यारा।।
परिचय :- गोविन्द सरावत मीणा "गोविमी"
निवासी : बमोरी जिला- गुना (मध्यप्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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