सीखें हम रामायण से
डॉ. किरन अवस्थी
मिनियापोलिसम (अमेरिका)
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जय बोलो श्रीराम की
कथा राम हनुमान की
पत्नी रत्नावली की संगति
तुलसीदास ने पाई
अतुल ज्ञान की दुर्लभ संपति पाई
राजा राम की महिमा गाई।
सत्संगति
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मुदमंगदमय संत समाजू
जिमि जगजंगम तीरथराजू।
सत्पुरुषों, ज्ञानीजन
की संगति ऐसे
तीर्थराज प्रयाग की
अतुलित महिमा जैसे
सत्संगति से मिलते
पुरुषार्थ चार
धर्म, अर्थ, काम,
मोक्ष का खुलता द्वार
औषधीय गुणों से भरपूर
गंगा-यमुना का निर्मल नीर
सकल ताप, कलुष कर भंजन
प्रयागराज को देता मान
तीर्थराज का दैवी नाम।
गुणीजनों की संगति से
सभी पाप धुल जाते है
मन होकर निष्पाप
ईर्ष्या द्वेष न रह पाते हैं
क्लेश ताप मिट जाते हैं
सत्संगति का लाभ उठाएं
अपने लक्ष्यों पर संधान करें
सदाचार, सद्विचार से
जीवन का कल्याण करें।
मर्यादा
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मर्यादा पुरुषोत्तम
क...



















