जय हो माता महागौरी
संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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नवरात्रि मां दुर्गा
आठवीं शक्ति, तू महागौरी।
कहलाती, मां तेरा रूप।
अवर्णनीय, अतुलनीय तेरा।
पूर्ण गौर वर्ण।
मां तू शंख चंद्र अरू कुंद।
पुष्प सम शश्वेत गौरवर्ण
कांतिमान शोभित।
मां तेरे सकल वस्त्र, आभूषण।
शश्वेत धवल, दिव्य जगमग करें।
मां तू बैल पीठ सवार विराजित।
मां तू चतुर्भुजाधारी।
ऊपर दाँया कर अभय मुद्रा।
नीचे दाँया कर अरू मुद्रा
संग अति शांत मुद्रा सोहै।
मां ऊपर बाँये कर डमरु अरु।
नीचे बाँये कर वर मुद्रा सोहै।
मां तेरी शक्ति अमोघ फलदाई।
तेरी आराधना उपासना।
हम सब को पाप मुक्त करें।
तेरा भक्त पावन अक्षय पुण्य।
अधिकारी बने।
तू जगत माता हम सबकी।
मां तू महाकाली दुर्गा रूप।
शरण आने वाले का तू।
संकट मिटावै।
शनिवार तेरी पूजन जो करै।
उसके बिगड़े कारज सुधारै।
जय हो माता महागौरी तेरी।
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