नववर्ष पर ‘रजनी’ के दोहे
रजनी गुप्ता 'पूनम चंद्रिका'
लखनऊ
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१
स्वागत नूतन वर्ष का, भले विदेशी चाल।
वसुधा ही परिवार है, रहें सभी खुशहाल।।
२
बदल गया है साल फिर, मत बदलो तुम यार।
संग तुम्हारे ही बँधी, जीवन की पतवार।।
३
देते रहना तुम पिया, साथ साल दर साल।
मिले तुम्हारे संग में, खुशी मुझे हर हाल।।
४
नए साल में कर रही, प्रियतम यह मनुहार।
बाँह तुम्हारी थाम कर, करूँ प्रेम विस्तार।।
५
नवल वर्ष में माँ करो, हम सबका कल्याण।
हरो सकल संताप- दुख, हर्षित हों मन-प्राण।।
६
आई विपदा अब टले, भागें सारे रोग।
हिल- मिल कर हम सब रहें, बना रहे संयोग।।
७
संकट भारी आ पड़ा, सकल विश्व है त्रस्त।
कोरोना की मार से, सभी हुए भय-ग्रस्त।।
८
नवल वर्ष की अब मिले, यह अनुपम सौगात।
हम सब मिल कर दे सकें, कोरोना को मात।।
९
करो दया अब मातु तुम, सब जन हों खुशहाल।
हाथ पसारे हैं खड़े, माता तेरे लाल।।
परिचय : रजनी गुप्ता 'पूनम चंद्र...