वंशीधर
मीना भट्ट "सिद्धार्थ"
जबलपुर (मध्य प्रदेश)
********************
वेणु बजा दो हे वंशीधर,
हे मनमोहन हे गिरिधारी।
भीगी प्रीति फुहारों से है,
मधुवन में बृषभानु दुलारी।।
अन्तर्मन में प्रीति बसी है,
लोभ कपट सब छूटी माया।
अधरों को सिंचित करती है,
कामदेव सी तेरी काया ।।
कहते सब हैं दीनदयाला,
महका दो जीवन फुलवारी।
पात -पात पर प्रीति पल्लवित,
स्वर्णमयी आभा फैलाती।
पावन प्रेम मुरलिया बजती,
राधे ललिता प्रीति निभाती।।
कटुता की बेलें कटतीं हैं,
श्याम शरण पाते सुखकारी।
कण-कण में मनमोहन बसते,
नित उर नूतन आस जगाते।
वृंदावन की गोपी झूमे,
कान्हा जब भी रास रचाते।।
मंजुल नैना रूप मनोहर,
छवि कान्हा शुभ मंगलकारी।
परिचय :- मीना भट्ट "सिद्धार्थ"
निवासी : जबलपुर (मध्य प्रदेश)
पति : पुरुषोत्तम भट्ट
माता : स्व. सुमित्रा पाठक
पिता : स्व. हरि मोहन पाठक
पुत्र : सौ...