गम के सिवा
विनोद सिंह गुर्जर
महू (इंदौर)
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गम के सिवा क्या दिया मैंने तुमको,
तेरी जिंदगी से चला जाऊंगा में।
तेरी आंख में आंसुओं की झड़ी हो,
हरगिज नहीं देख अब पाऊंगा में।।...
मुझे भूल जाना सपना समझकर,
दिल में ना रखना कोई याद मेरी।
मेहफूज रखे खुदा हर बला से,
चाहे ज़िंदगी कर दे बर्बाद मेरी।।
दुआओं भरे गीत अब गाऊंगा में।..
तेरी जिंदगी से चला जाऊंगा में।
तेरी आंख में आंसुओं की झड़ी हो,
हरगिज नहीं देख अब पाऊंगा में।।...
उन रास्तों पर कभी तुम ना जाना,
जहां बीती यादें सतायेंगी तुमको।
गूंजेंगी कानों में आवाज मेरी,
बुलायेंगी तुमको,रूलायेंगी तुमको।।
लेकिन नजर ना कहीं आऊंगा में।..
तेरी जिंदगी से चला जाऊंगा में।
तेरी आंख में आंसुओं की झड़ी हो,
हरगिज नहीं देख अब पाऊंगा में।।...
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परिचय :- विनोद सिंह गुर्जर आर्मी महू में सेवारत होकर साहित्य सेवा में भी क्रिया शील हैं। आप अभ...