ये दुनिया सारी है जिनकी शरण में
विकास कुमार
औरंगाबाद (बिहार)
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ये दुनिया सारी है आज जिनकी शरण में,
हमारा नमन है अपने उन बाबा के चरण में।
पूजा के योग्य है बाबा हम सबकी नजर में,
सब मिलकर फूल बरसायें बाबा के चरण में।
जिनके नियम पर चलता रहेगा ये भारत सादा,
ऐसा ही एक संविधान बनाए अपने भीम दादा।
इस हिन्दुस्तान की धरती पर हम सबको चलना आया,
बाबा ने इक नया संविधान लिखकर हमे लिखना बताया।
देश प्रेम में जिसने आराम को दिए ठुकराए,
गिरे हुए इंसान को अपना स्वाभिमान सिखाये।
जिसने हमको अपने मुश्किलों से लड़ना सिखलाया,
इस जमीन पर ऐसा दीपक बाबा साहब कहलाया।
शिक्षा संगठन के थे अपने बाबा बड़ा पुजारी,
अधिकार हेतु किए लाखो लोगो से संघर्ष भारी।
मानव मे भी है रक्त एक, एक भाँति है सब आये,
अपने स्वारथ के चक्कर में लोग जाति–पाति बनायें।
युगो–युगो में यह पीड़ा रमी थी तब होता था दर्द ऐसा,
छुवा-छूत...