अहंकार
अमिता मराठे
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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अहंकार की राजशाही
इस कदर हावी होती
त्रुटि स्वीकार न होती
दर्प में लवलीन होती।
सोच लो ज़रा रुक जाओ
देख तो लो कौन है सही।
अनबन हो या गलती
गर्व से शुरू होती ।
अहंकार की राजशाही
इस कदर हावी होती।
अंतिम दृश्य विनाश का
देख रही है ये दृष्टि
समस्याओं का मूल कारण
हमारी घमंड़ वृत्ति।
सारा खेल बिगाड़ती
दुःख के दिन देखती।
व्यक्तित्व का पतन
चरित्र का होता हनन।
सदा अभद्र व्यवहार करती
दुराचार व्यभिचार की जननी।
आंखों पर बंधी
अहंकार की पट्टी।
स्वीकारने की वृत्ति
एक कदम आगे लाती।
ईश्वर अर्थ समर्पित कर
हर कर्म सार्थक करती।
ग़लत और सही का
भेद जानकर दे दो
अहंकार की आहुति।
तब समाप्त होगी
अहंकार की राजशाही।
परिचय :- अमिता मराठे
निवासी : इन्दौर, मध्यप्रदेश
शिक्षण : प्रशिक्षण एम.ए. एल. एल. बी., पी जी डिप्लोमा इन वेल्यू एजुके...