तुलसीदास जगत को भाए
रचयिता : रशीद अहमद शेख
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तुलसीदास जगत को भाए!
जब-जब झांकें मन के अन्दर, अनुभूति मानस पद गाए!
तुलसीदास जगत को भाए!
मर्यादा की सीमाओं में, सुन्दरता का शुभ निर्वाह!
शब्द-शब्द से अमृत-वर्षा, भाषा का रसयुक्त प्रवाह!
उर आह्लादित यही सुनाए!
तुलसीदास जगत को भाए!
विनयशील लहराता सागर, भक्ति भाव के ज्वार अनेक!
केन्द्र बिन्दु श्रीरामचन्द्र पर, विविध रूप रसधार अनेक!
मानस में क्या नहीं समाए!
तुलसीदास जगत को भाए!
आदर्शों के अगणित दीपक, विचलित को दिखलाते राह!
सत्य-असत्य की विजय-पराजय, भक्तों में भरती उत्साह!
क्षण-क्षण मुख पर यह पद आए!
तुलसीदास जगत को भाए!
लेखक परिचय :- नाम ~ रशीद अहमद शेख
साहित्यिक उपनाम ~ ‘रशीद’
जन्मतिथि~ ०१/०४/१९५१
जन्म स्थान ~ महू ज़िला इन्दौर (म•प्...