बाबा की शर्ट में जो दाग है
जयंत मेहरा
उज्जैन (म.प्र)
********************
माँ बाबा की शर्ट में जो दाग है, तू उसे धोती क्यों नहीं
कुछ दिन से चेहरा तेरा उदास है, तू सोती क्यों नहीं
तेरी चुड़ी, बिंदिया, कँगन बहुत ढूंढे मेने माँ
गिरे हुए उस धागे के मोती, तू पिरोती क्यों नहीं
माँ बाबा की शर्ट में जो दाग है, तू उसे धोती क्यों नहीं
दरवाजे पर जो मिट्टी हे, मेने देख ली माँ
तेरे सिरहाने पर जो चिट्टी है, मेने देख ली माँ
मेरा नया खिलोना अब शायद ना आएगा
मेरा बाबा लौट कर अब वापस ना आएगा
बाहर निकाल तेरे अश्कों को, जी भर तू रोती क्यों नहीं
माँ बाबा की शर्ट में जो दाग है, तू उसे धोती क्यों नहीं
जैसे तु हर कदम मेरे साथ रहती है
उन बेटो को भारत माँ की फिक्र, दिन रात रहती है
माँ बाबा मेरा महान था, अपने देश की शान था
जाते जाते उसने बंदूक चूमि थी
आखिरी सांस में भी उसने अपनी धरती चूमि थीं
बहुत रात हो गई हैं माँ, अब तू सोती क्यों नहीं
...