नव वर्ष
कुमार जितेन्द्र
बाड़मेर (राजस्थान)
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विश्वास
चारों ओर अंधेरा छाया,
अंधविश्वास का है पहरा।
रखे विश्वास की बागडोर,
होगी रोशनी नई किरणों से।
मिट रहा है घनघोर अंधेरा,
आज है नया साल हमारा।।
संघर्ष
तप रे कोमल कोमल हृदय,
इंसान की स्वार्थ ज्वाला में।
तप रे मृदु-मृदु तन,
सूर्य की तीक्ष्ण ज्वाला में।
बीत रहा है संघर्ष का अंधेरा,
आज है नया साल हमारा।।
उल्लास
प्रातः काल नई किरणों से,
पंछियों की प्यारी सी गूँज से।
फूलों की महकती खुशबू से,
रंगीन सवेरा बोल रहा है।
नए साल के उल्लास में,
मिलकर करे अभिनन्दन।।
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परिचय :- नाम :- कुमार जितेन्द्र (कवि, लेखक, विश्लेषक, वरिष्ठ अध्यापक - गणित)
माता :- पुष्पा देवी
पिता :- माला राम
जन्म दिनांक :- ०५. ०५.१९८९
शिक्षा :- स्नाकोतर राजनीति विज्ञान, बी. एससी. (गणित) , बी.एड (यूके सिंह देवल मेमोरियल कॉलेज भीनमाल - एम. डी. एस. यू. अजमेर)
निवास...