जिन्दगी
सीमा रानी मिश्रा
हिसार, (हरियाणा)
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जिन्दगी की उलझनों को
सुलझाने की कोषिष न करो
उलझनें उलझती चली जाएँगी
रहने दो उसे उसी हाल में
वक्त के झोंके से देखो
खुद-ब-खुद सुलझ जाएँगी।
वफा की उम्मीद न करो
बेवफाओं की इस दुनिया में
वफा करने की कोशिश करो
किसी के अँधेरे जीवन में
खुशियों की चाँदनी
सब ओर छिटक जाएगी।
गुज़र गए जो पल
उस पर क्यों करे विमर्ष?
न बीते पल का शोक
न कल का हर्श।
ऐसा नहीं की रोनेवालों में
तुम अकेले हो
छुपकर, घुटकर जीनेवालों के
लगे यहाँ मेले हैं।
तुम्हारे समक्ष इस जीवन से
जुड़े विकल्प ही विकल्प हैं
निश्चित करो तुम्हें पूर्ण करना
कौन-सा संकल्प है।
हाँ! अपने पथ-प्रदर्शक
बनो तुम स्वयं ही
यह आशा न करो कोई और तुम्हें
मंज़िल तक पहुँचाएगा।
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परिचय :- सीमा रानी मिश्रा
पति : डाॅ. संतोष कुमार मिश्रा
पता : हिसार, (हरियाणा)
पद : शिक्षिका
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