बारिश की बूंदें
विनोद वर्मा 'दुर्गेश'
तोशाम (हरियाणा)
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बारिश की बूंदें बरसी
मन मेरा हर्षाए।
सावन का मस्त महीना
प्रियतम की याद दिलाए।
तन भीगा और मन भीगा
आँचल भी भीगा जाए।
पहले सावन की बारिश
जियरा मेरा चुराए।
टप-टप गिरती बूंदे
और पंछी शोर मचाएं।
साजन बिन सूना सावन
विरह आग लगाए।
बूंदों की बौछार में
मन शीतल हो जाए।
गर साथ तेरा हो साजन
सावन पावन हो जाए।
परिचय :-विनोद वर्मा 'दुर्गेश'
निवासी : तोशाम, जिला भिवानी, हरियाणा
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