छाई हरियाली (सिहरी)
गोविन्द सरावत मीणा "गोविमी"
बमोरी, गुना (मध्यप्रदेश)
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१
छाई हरियाली
गाती गीत कोयल काली
बरसे बदरा !!
२
घिरी घटा
लगती मोहक निर्झरिणी छटा
उत्ताल तरंग !!
३
बहते निर्झर
कली-कली मंडराए मधुकर
महके प्रसून !!
४
रिमझिम-रिमझिम
रही बरस बरखा रानी
पानी-पानी !!
५
प्रकृति हरसाई
दुल्हन बन धरा मुस्काई
पल्लवित कानन !!!
परिचय :- गोविन्द सरावत मीणा "गोविमी"
निवासी : बमोरी जिला- गुना (मध्यप्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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